Thursday, October 14

तुम याद तो रखोगे ना

आज तुम यहाँ नहीं हो
कल शायद मैं न हूँ
दो पल की जो थी मुलाकात
वो साथ
तुम याद तो रखोगे ना

माना लंबा है सफर
और मोड़ हमारे बदलेंगे
पर उस मोड़ की मिटटी
वो खुशबू
तुम याद तो रखोगे ना

शायद मैं कभी आगे निकल जाऊं
हो जाऊं अपने रास्ते से जुदा
मेरा नाम लेकर पुकार लेना मुझे
मेरा नाम
तुम याद तो रखोगे ना

भूली जा सकती है दुनिया
नहीं भूलते दोस्त
तेरी हर अदा याद रहेगी मुझे
मेरी सूरत
तुम याद तो रखोगे ना

1 comment:

Vinay Singh said...

yaar mai aapse mila to nahi.. par bina mile bhi hum aapko nahi bhulenge..Super blog